Thursday, May 1

राजस्थान में भीलवाड़ा की कोठारी नदी के प्रदुषण को लेकर नगर परिषद पर लगाए गए दस करोड के जुर्माने पर सभापति राकेश पाठक ने कार्मिकों एवं अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुये उनके खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा की है।

पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू की याचिका पर एनजीटी नगर परिषद को कोठारी नदी को फैल रहे प्रदुषण और बढते अतिक्रमण से मुक्त नहीं करा पाने के कारण कई बार चेताया और जुर्माना भी लगाया लेकिन बार-बार की चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए जिम्मेदार लोगों ने फोरी कार्रवाई की। ऐसे में एनजीटी ने 16 और 17 अगस्त की सुनवाई के दौरान नगर परिषद पर दस करोड रुपए का जुर्माना ठोक दिया।

इस जुर्माने से नगर परिषद में हडक़ंप मचा है और सभापति राकेश पाठक ने तो यहां तक कह दिया कि पूर्व में एनजीटी द्वारा लगाए गए जुर्माने की उन्हें जानकारी ही नहीं हैं और ना ही उन्हें किसी ने जानकारी दी। उन्होंने अपने ही जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर इस मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए एक ईओ नोट आयुक्त और जयपुर निदेशालय में लिखकर भेजा है जिसमें उन्होंने दोषियों के खिलाफ सीधे-सीधे कार्रवाई की मांग की हैं।

सभापति पाठक ने कहा कि एनजीटी द्वारा लगाए गए दस करोड़ रुपए के जुर्माने के खिलाफ नगर परिषद सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि अब तक इस मामले में लापरवाही बरती गई, लेकिन अब इस मामले को गंभीरता से लिया गया और नगर परिषद अधिवक्ताओं को भी हायर कर रहा हैं।

उन्होंने कहा कि रूडीफ ने अब तक शहर के 45 हजार आवासों में से मात्र 18 से 20 हजार घरों में ही कनेक्शन कर पाए है, जबकि यह काम 2020 में ही खत्म करना था और अब तक एसटीपी प्लांट भी चालू नहीं हो पाया हैं। इसके लिए रूडीफ के अधिकारी सीधे-सीधे जिम्मेदार है।

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